CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहते हैं. इस बार CJI ने संविधान को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि संविधान आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की तरह नहीं है. CJI ने कहा कि संवैधानिक तंत्र तभी काम करते हैं, जब चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट आगे आएं.
CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि सरकारी संस्था की वैधता संस्था के कामकाज पर निर्भर करती है और यह केवल तभी कार्य करती है जब सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग अनिश्चितता और अस्पष्टता की स्थिति में सामने आते हैं. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने क्षिण एशिया में उच्च न्यायपालिका के बीच एक तुलनात्मक संवैधानिक प्रक्रिया का आह्वान किया. इससे उद्देश्य पड़ोसी देशों द्वारा कानूनों का बेहतर परीक्षण किया जा सके.
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‘हमारा संविधान उन संस्थानों के तत्वों को…’
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि एक तुलनात्मक संवैधानिक प्रक्रिया महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे कानूनों को हमारे पड़ोस की कसौटी पर बेहतर ढंग से परखा जाएगा. भेदभाव के स्थान के रूप में सार्वजनिक स्थान की मान्यता हमारे सांस्कृतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा संविधान उन संस्थानों के तत्वों को बरकरार रखता है जो लोकतंत्र से पहले अस्तित्व में थे. अदालतें समावेशन और विविधता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होनी चाहिए.
CJI ने कहा कि ‘ऐसे देशों की अदालतों के बीच संवाद उनके बीच साझा न्यायिक सौहार्द का प्रमाण है. यह हमारे संवैधानिक इतिहास को प्रासंगिक बनाने में मदद करता है. औपनिवेशिक कानूनी प्रणाली ने श्रेणीबद्ध असमानताओं को मजबूत किया था और हमारी सार्वजनिक संस्था प्रणाली को समानता पर आधारित एक संवैधानिक व्यवस्था स्थापित करने का काम सौंपा गया था.’ उन्होंने बताया कि कैसे लोकतंत्र और कानून का शासन भारत और बांग्लादेश दोनों के विकास में सहायक रहा है.
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FIRST PUBLISHED : February 26, 2024, 12:19 IST