यूक्रेन के मिसाइल हमले में गुजरात के हेमिल की मौत, 2.5 लाख रुपये की नौकरी के लिए गया था रूस

अहमदाबाद. रूसी सेना में बतौर सहायक काम कर रहे गुजरात के रहने वाले एक 23 वर्षीय युवक की यूक्रेन के मिसाइल हमले में मौत हो गई. इस शख्स की पहचान हेमिल मंगुकिया के रूप में की गई है, जिसकी 21 फरवरी को रूस में हुई मिसाइल स्ट्राइक में मौत हो गई. इस घटना की खबर सुनकर हेमिल के परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है और किसी तरह उसका पार्थिव शरीर घर लाने की मांग कर रहे हैं.

हेमिल के चाचा अतुल मंगुकिया बताते हैं कि परिवार को दो दिन पहले तक उसकी मौत की खबर नहीं थी. उन्होंने कहा, ’23 फरवरी को मेरे भाई अश्विनभाई को हेमिल के दोस्त का फोन आया था, जो वहीं उसके साथ काम कर रहा था.’

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2.3 लाख रुपये थी सैलरी
हेमिल के चाचा ने बताया कि हेमिल को सोशल मीडिया पर रूसी सेना में हेल्पर्स की वैकैंसी के बारे पता चला था. उसने एक एजेंट से संपर्क किया और फिर सारी प्रक्रिया पूरी करके रूस पहुंच गया. वह बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही उनके बैंक खाते में हेमिल की पहली सैलरी 2.3 लाख रुपये आई थी.

हेमिल सूरत के वराछा स्थित आनंदनगर वाडी का रहने वाला था. पिछले साल दिसंबर में वह रूसी सेना में सहायक की नौकरी के लिए परिवार को छोड़कर रूस चला गया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हेमिल के पिता ने बताया कि उसने पिछले मंगलवार (20 फरवरी) को ही उनसे बात की थी और एक दिन बाद मिसाइल हमले में उसकी मौत हो गई.

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इस बीच, विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि रूसी सेना से छुटकारा दिलाने की भारतीय नागरिकों की गुहार से जुड़ी खबरें गलत हैं. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि रूसी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में काम कर रहे कई भारतीयों को भारत की मांग के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है. मंत्रालय ने इसके साथ ही कहा कि भारत रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की जल्द कार्यमुक्ति के सभी प्रासंगिक मामलों को रूसी प्राधिकारियों के साथ संपर्क करके आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इन मामलों को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ देता है.

दरअसल पिछले दिनों खबरें आई थी कि कई भारतीय नागरिक रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें यूक्रेन के साथ लगती सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए भी मजबूर किया गया. हालांकि विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में इसे लेकर कहा, ‘हमने रूसी सेना से कार्यमुक्ति के लिए मदद मांगने वाले भारतीयों के संबंध में मीडिया में कुछ गलत खबरें देखी हैं.’

मंत्रालय ने इसके साथ ही कहा, ‘मॉस्को में भारतीय दूतावास के ध्यान में लाए गए प्रत्येक ऐसे मामले को रूसी प्राधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाया गया है और मंत्रालय के ध्यान में लाए गए मामलों को नयी दिल्ली स्थित रूसी दूतावास के समक्ष उठाया गया है.’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप कई भारतीयों को पहले ही कार्यमुक्त कर दिया गया है.’

इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्रालय से भारतीयों को बचाने का आग्रह किया था. इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले हफ्ते कहा था कि मंत्रालय रूसी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में काम कर रहे भारतीयों की शीघ्र ‘कार्यमुक्ति’ के लिए मास्को के संपर्क में है. उन्होंने भारतीयों से यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्र से दूर रहने का आग्रह किया था. जायसवाल ने कहा था, ‘हम सभी भारतीय नागरिकों से उचित सावधानी बरतने और इस संघर्ष से दूर रहने का आग्रह करते हैं.’

Tags: Russia News, Russia ukraine war

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